परिचय
Imagine walking into a store, testing the Nothing Phone 3 on‑device ad section, and seeing stunning camera samples—only later discovering they weren’t shot on that phone. Intriguing, isn’t it? आज हम बात करेंगे इस विवाद की—कैसे Nothing Phone 3 on‑device ad में स्टॉक फोटोग्राफी का इस्तेमाल हुआ, कंपनी ने क्या जवाब दिया, और यह घटना कैसे दर्शाती है कि भरोसा और पारदर्शिता क्यों मायने रखती हैं।
1. स्थिति कैसी बनी? — कहानी की शुरुआत

Retail demo units (Live Demo Units या LDUs) में एक स्क्रीन रिकॉर्डिंग सामने आई, जिसमें “Here’s what our community has captured with Phone (3)” लिखकर पांच खूबसूरत तस्वीरें दिखा रही थीं—एक सीढ़ी, कार हेडलाइट, कांच, खिड़की और एक महिला।
लेकिन अफसोस—ये तस्वीरें असल में Nothing Phone 3 से नहीं ली गई थीं, बल्कि Stills नामक स्टॉक फोटो मार्केटप्लेस से खरीदी गई थी। EXIF डेटा ने पुष्टि की कि ये तस्वीरें Phone 3 लॉन्च से पहले, 2023 में ली गई थीं।
2. कंपनी ने क्या जवाब दिया? — Nothing की सफाई
Nothing के सह-संस्थापक Akis Evangelidis ने X (पहले Twitter) पर सफाई दी कि ये तस्वीरें सिर्फ placeholders थीं—डेमो यूनिट्स भेजने से महीनों पहले इस्तेमाल की गई ग्राफिक्स जिन्हें बाद में फोन द्वारा खींची गई तस्वीरों से बदल देना था। लेकिन कुछ LDUs में यह बदलाव नहीं हुआ। उन्होंने इसे “unfortunate oversight” और “no ill intent” बताया, और वादा किया कि समस्या को जल्द ही ठीक किया जा रहा है।
कंपनी ने बताया कि placeholder प्रक्रिया पहले यह थी कि पुराने Nothing फोन से ली गई तस्वीरें इस्तेमाल की जाती थीं—लेकिन इस बार यह प्रोसेस टूटी, और इसके पीछे जिम्मेदार लोगों पर आंतरिक जांच चल रही है।
3. तुलना और गहरी समझ
पहलू | विवरण |
---|---|
Image Source | Stock photos from Stills, not Phone 3 captures |
Company’s Intent | Placeholders for testing; not updated inadvertently |
Authorship Verification | Photographers like Roman Fox confirmed via EXIF and licensing data |
Trust Impact | Mistrust and criticism for misleading promotion |
Remediation | LDUs being updated; internal process review underway |
4. मेरी निजी दृष्टि और अनुभव

मेरा खुद का यकीन है कि जब companies अपने devices की सबसे बड़ी क्षमता—जैसे कैमरा—को दिखाती हैं, तो उसकी वास्तविकता बड़े मुद्दे में बदल सकती है। जब मैंने Nothing का पिछला Phone उपयोग किया था, तब उनका सच्चा user-shot content—चाहे कम प्रोफेशनल हो—मुझे ज़्यादा पसंद आया क्योंकि यह भरोसेमंद था।
यह मामला हमें यह याद दिलाता है कि भाग्यशाली नहीं, बल्कि पारदर्शिता से बना भरोसा ही टिकता है।
निष्कर्ष
Nothing Phone 3 on‑device ad controversy ने यह सिद्ध किया कि placeholder mistakes हो सकते हैं, लेकिन उनकी वजह से ग्राहक भरोसा टूट सकता है। लेकिन ख़ूबसूरत पहलू यह है कि कंपनी ने गलती स्वीकार की, सुधार की दिशा में काम शुरू किया, और बेहतर पारदर्शिता का संकल्प लिया।
आपका क्या कहना है? (CTA)
क्या आपने भी किसी डेमो यूनिट या विज्ञापन में ऐसी मज़ाकिया या भ्रमित करने वाली चीज़ देखी थी? नीचे कमेंट में शेयर करें—आपकी इनपुट से हमें टेक मार्केटिंग की प्रैक्टिस समझने में मदद मिलती है।
यदि आप Nothing Phone 3 की असली कैमरा क्वालिटी या रिव्यू में रुचि रखते हैं, तो हमारी Deep Dive Camera Review और User Samples Gallery पर ज़रूर जाएँ।