Explained: How The New Income Tax Bill 2025 Streamlines Income Tax Filing
प्रस्तावना: जब आपका टैक्स रिटर्न बने आसान
क्या आपने कभी socha कि आपकी आयकर फाइलिंग क्यों इतनी टेढ़ी-मेढ़ी होती है? Forms, sections, notices—सब उलझन पैदा करते हैं। इसी भ्रामक प्रक्रिया को हल्के और सीधे तौर पर ट्रांसफॉर्म करने के उदेश्य से संसद में पेश हुआ New Income Tax Bill 2025। इस लेख में हम इसे विस्तार से समझेंगे—कैसे यह बिल टेक्निकलता को कम करता है, compliance आसान करता है, litigation घटाता है, और डिजिटल-फर्स्ट नजरिया अपनाता है।
1. पृष्ठभूमि और ज़रूरत
पुराने कानून की दुविधाएँ

1961 का आयकर कानून आज 800+ sections और हजारों amendments के साथ भारी हो चुका था। नतीजा: समझना मुश्किल, litigation बढ़ता, और निर्धारण अक्सर उलझा रहता।
क्यों नया बिल जरूरी था
- outdated language और structure
- Assessment-Year और Previous-Year जटिलता
- compliance और litigation की बढ़ती फ्रीक्वेंसी
- परंपरागत प्रक्रिया में human interface की निर्भरता
इन सब को देखते हुए सरकार ने बिल पेश किया, जिसमें emphasis था—simple, structured, transparent, और digital-first approach.
2. संरचना और सरलीकरण
सेक्शंस की कटौती
- बचा: 536 सेक्शन (पूर्व में 819)
- सिर्फ 23 अध्याय, 16 अनुलग्नक, 622 पेज
→ मतलब: कम भीड़, अधिक स्पष्टता, compliance आसान।
‘Tax Year’ का परिचय
- अब assessment-year–previous-year की जगह, एक unified Tax Year
- व्यवसाय या आय स्त्रोत शुरू होने से शुरू
→ लाभ: नए व्यवसायों/फ्रीलांसरों के लिए नियम सीधी समझ और बेहतर समयबद्धता।
3. आयकर स्लैब, exemptions और deduction
व्यक्तियों के लिए मुख्य बदलाव
- ₹12 लाख तक की आय पर टैक्स मुक्त (Budget 2025 अनुसार)
- मानक कटौती ₹75,000 (increase from ₹50k)
- टॉप स्लैब (30%) सिर्फ ₹24 लाख+ आय पर लागू
गृह संपत्ति और पेंशन सुधार
- House property standard deduction में साफ़ी
- Pre-construction interest की कटौती मान्य
- Commuted pension tax फ़ोन स्पष्ट अलगाव
Presumptive टैक्स में सुगमता
- अब ‘प्रारंभिक दावा’ स्पष्ट
4. फाइलिंग और TDS सुधार
TDS / TCS व्यवस्था सरलीकृत
- Non-salary TDS provisions consolidated under Section 393
- Certificates के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश, ज़्यादा विविधता नहीं
Refund सुरक्षा
- ITR deadline के बाद भी refund संभव, penalty नहीं
- यह सुविधा विशेष रूप से छोटे टैक्सपेयर्स के लिए राहतदायक है
5. डिजिटल-फ़र्स्ट और Faceless Assessment
डिजिटल समीक्षा प्रणाली
- बंद हुआ लोकल ऑफिस पर निर्भरता
- अब मानवीय इंटरफ़ेस को digital एप्प में shift
- notices पहले देने अनिवार्य और देखा जा सकेगा
टैक्सपेयर्स की privacy सुरक्षा
- बिल में स्पष्ट दिशा-निर्देश, बिना notice कोई action रोकना संभव नहीं
6. विवाद और कानूनी सुधार
Litigation कम करना
- कानून स्पष्ट भाषा में लिखा गया
- redundant प्रावधान हटाए गए
- Select Committee द्वारा 285 amendments, उनमें से 32 मुख्य
Search & Raids में पारदर्शिता
- Tax officers को digital platforms (emails, social media) तक पहुँच मिली, पर predefined rule के साथ
7. छोटे टैक्सपेयर्स के लिए राहत
ITR-रेफ़ंड वापसी में छूट
- अगर केवल refund के लिए ITR भरा है, तो लापरवाही में penalty नहीं होगी
मध्यम वर्ग को लाभ
- Zero tax up to ₹12 lakh
- Standard deduction ₹75k
- Section 87A rebate स्वीकृति
8. व्यक्तिगत दृष्टिकोण: अनुभव से प्रेरित
मेरा सफर

मैंने पिछले वर्षों में ITR फाइलिंग में forms, schedules, और multiple annexures का सामना किया है। यह नई फाइलिंग प्रक्रिया बहुत अधिक सहज गई है:
- न्यूनतम paperwork
- software-only driven communication
- पहले से पूर्वानुमानित refund समय
- TDS slip में clear names, dates
विशेषज्ञ सलाह
- सभी documents digital रखें (e.g., PDFs)
- updated ITR portal का use करें
- notices को timely देखें—अब नियमित मेल rather than in-person visit
9. तालिका: तुलना सारांश
विशेषता | पुराने कानून (1961 Act) | New Income Tax Bill 2025 |
---|---|---|
Sections | ~819 | 536 |
Chapters | 52 | 23 |
Language | जटिल, कानूनी | सरल, स्पष्ट |
Tax Year प्रणाली | Assessment & Previous Year | Unified Tax Year |
Zero tax threshold | ₹7 लाख | ₹12 लाख |
Standard Deduction | ₹50,000 | ₹75,000 |
Digital-first प्रक्रिया | नहीं | हाँ |
Faceless Assessments | नहीं | हाँ |
Pre-construction interest | अस्पष्ट | स्पष्ट कानूनी दृष्टिकोण |
ITR Refund Penalty | देर से filing पर जुर्माना | हटाया गया |
10. आगे की राह: लागू होने की रूपरेखा
- बिल लागू: 1 अप्रैल, 2026
- अंतिम पास: 11 अगस्त, 2025—Lok Sabha में पारित, फिर Rajya Sabha और राष्ट्रपति की मंजूरी की प्रतीक्षा
निष्कर्ष
New Income Tax Bill 2025 केवल एक कानूनी सुधार नहीं, बल्कि टैक्सपेयर्स के लिए वास्तविक जीवन में बदलाव है:
- सरल भाषा और कम शब्दों से बेहतर समझ
- digital-फ़र्स्ट और faceless–पारदर्शिता और सुरक्षा
- बड़े मिडल क्लास टैक्सपेयर्स को राहत
- छोटे टैक्सपेयर्स को पेनाल्टी से मुक्त समर्थन
यदि आप नौकरी, बिज़नेस, या इंवेस्टमेंट करने वाले हैं, तो यह बिल आपकी जिंदगी को सचमुच बदल सकता है—कम झंझट, बेहतर पहुँच, तेज़ रिटर्न।
आपकी बारी: CTA & बातचीत
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